मोमिन जाफरी। मुंबई।१ ऑगस्ट २०२५
पुणे ज़िले के यवत गांव में शुक्रवार सुबह फिर एक बार साम्प्रदायिक तनाव के धुएं उठे। एक युवक द्वारा सोशल मीडिया पर की गई आपत्तिजनक पोस्ट ने गांव का माहौल पूरी तरह खराब कर दिया। यह पोस्ट जैसे ही वायरल हुई, लोगों में गहरा आक्रोश फैल गया।
पोस्ट डालने वाला आरोपी मेंंड़ का रहाणे वाला है। जैसे ही लोगों को यह पता चला भीड़ ने उसके घर पर घेराव किया और वहीं जमकर तोड़फोड़ और पथराव किया। मौके पर पुलिस ने पहुंच कर माहौल को शांत करने कि कोशिश की जिससे एक बड़ी अनहोनी टाल गई लेकिन युवक के घर को काफी नुकसान पहुंचा है।
इस हादसे के बाद से ही गांव का सप्ताहिक बाजार बंद कर दिया गया और इलाके में तनावपूर्ण हालात बने रहे। घटना के बाद स्थिति और भी बिगड़ गई जब भीड़ ने कुछ दोपहिया गाडीयों को आग के हवाले कर दिया और गांव की एक मस्जिद पर भी तोड़फोड़ की जिसके कारण इलाके में भय, चिंता और असुरक्षा के हालात बन गये है।
ये घटना ऐसे समय में घटी है जब महज कुछ दिन पहले, 26 जुलाई को, गांव के नीलकंठेश्वर मंदिर में छत्रपती शिवाजी महाराज की प्रतिमा के साथ की गई छेड़छाड़ के कारण गांव में पहले से ही तनाव के हालत थे । अब फिर एक और विवाद ने लोगो की भावनाओं को ठेस पहुचाई हैं।
इस वाक्ये के बाद पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके अलावा, साइबर सेल को सोशल मीडिया पर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि अफवाहें और भड़काऊ पर कंट्रोल रखा जा सके।
पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया है की ‘किसी भी असामाजिक तत्व को बख्शा नहीं जाएगा। जो भी कानून तोड़ेगा, उसके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नागरिक अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।’
इस घटना ने फिर से यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सोशल मीडिया पर थोड़ी सी लापरवाही कितनी बड़ी सामाजिक अशांति को जन्म दे सकती है। अब तो देखना होगा कि प्रशासन इस तनावपूर्ण स्थिति को कब तक पूरी तरह काबू में कर सकती हैं।



