मोमिन जाफरी। मुंबई। ३१ जुलाई २०२५।
UPI के मध्यम से रोजाना करोड़ो ट्रान्सक्शन्स किए जाते है। इस डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और भी सुरक्षित, तेज और रिलायेबल बनाने के लिये नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने 1 ऑगस्ट से कुछ नये नियम लागू करने का फैसला किया हैं। इन नये नियमों का उद्देश्य ट्रान्सॅक्शन विफलता को कम करना, ओव्हरलोड से सिस्टम को बचाना और युझर्स को बेटर एक्स्पेरियन्स देना है।

सबसे पहला बदलाव UPI से बॅलेन्स चेक करने पर आया हैं। अब एक दीन में सिर्फ ५० बार ही आप किसी UPI एप से अपने अकाऊंट का बॅलन्स चेक कर सकते है। यह इस्लिए किया गाया है क्युंकी बार बार बॅलन्स चेक करने से अनावश्यक लोड पडता हैं। इसी तरह, अगर आप का बैंक अकाउंट लिंक है तों आप के लिए 25 बार कि ही लिमिट दी गई है। अगर किसी कारण से आपका प्रयास विफल हो जाता है तो, ज़ब तक आप मैन्युअल रूप से अनुमति सबमिट नहीं करोगे तब तक आपको अनुमति नहीं दी जाएगी ।
एक और महत्वपूर्ण बदलाव UPI ट्रान्सॅक्शन को लेकर हैं। अब कोई भी पेंडिंग ट्रान्सॅक्शन का स्टेटस सिर्फ तीन बार ही चेक कर सकते हैं, और हर चेक के बीच कम से कम ९० सेकंड का गॅप होना चाहिये। इस नियम का मकसद सर्वर पर ट्रैफिक का लोड कम करना है। इसके अलावा, ऑटो-पे या मैंडेट (जैसे ओटीटी सब्सक्रिप्शन, ईएमआई, म्यूचुअल फंड) वाले शेड्यूल किए गए लेनदेन को अब ऑफ-पीक घंटों में ही प्रोसेस किया जाएगा, यानी सुबह 10 बजे से पहले या रात 9:30 बजे के बाद।
एनपीसीआई ने एक और सुरक्षा से जुड़ी बात पर जोर दिया है , अब जब आप किसी को पैसा भेजेंगे तो आपको रिसीवर का पूरा नाम स्पष्ट रूप से दिखेगा। इससे गलत जगह पैसा भेजने के मौके कम हो जाएंगे । मैंडेट पेमेंट अगर विफल हो जाते हैं तो अब उन्हें दोबारा प्रयास करने का विकल्प भी दिया गया है , मेक्सिमम 3 प्रयास तक। लेकिन दोबारा कोशिश करने का विकल्प पीक आवर्स में काम नहीं करेंगे।
एक बात जो लोगों के लिए राहत की है, वो नए नियमों के बाद भी यूपीआई लेनदेन पर कोई जीएसटी नहीं होगा। सारे नए नियम बैकग्राउंड एपीआई और सिस्टम रिस्पॉन्स को बेहतर करने के लिए बनाए गए हैं, जिसे यूपीआई इकोसिस्टम और मजबूत हो सके।
अप्रैल 2025 में यूपीआई सिस्टम आउटेज के बाद एनपीसीआई ने इंफ्रास्ट्रक्चर को ऑप्टिमाइज़ करने का फैसला लिया। अब नए नियमों के तहत बार-बार बैलेंस चेक करने या लेनदेन का स्टेटस चेक करने पर रोक होगी, ताकि सर्वर ओवरलोड न हो। साथ ही, बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन जैसे नए फीचर भी आने वाले हैं, जिसका पिन की जगह फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन से पेमेंट हो जाएगा। ये बदलाव UPI को एक सुरक्षित, स्मार्ट और रिलायेबल बनाने के लिए हैं।



